ओमान तोड़ने जा रहा रवायत, खाड़ी देशों से अलग चलने का किया फैसला, डालेगा इनकम टैक्स का बोझ
ओमान 2028 से इनकम टैक्स लगाने वाला पहला खाड़ी देश होगा। यह टैक्स 5% होगा और सिर्फ ज्यादा कमाने वालों पर लगेगा। वित्त मंत्री सईद बिन मोहम्मद अल-साकरी ने कहा कि इसका मकसद तेल से होने वाली आय पर निर्भरता कम करना है। यह फैसला खाड़ी देशों में एक बड़ा बदलाव है।

कई सालों से इस नीति ने ज्यादा सैलरी वाले विदेशी कर्मचारियों को इस क्षेत्र में आकर्षित किया है। इसलिए ओमान का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। अबू धाबी कमर्शियल बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री मोनिका मलिक ने ब्लूमबर्ग को बताया, 'हालांकि दायरा सीमित है, फिर भी यह क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वित्तीय विकास होगा।' ओमान वित्तीय सुधारों को आगे बढ़ाना चाहता है। साथ ही प्रतिस्पर्धा में भी बने रहना चाहता है। खासकर ऐसे समय में जब अमीर लोग इस क्षेत्र में आ रहे हैं।
तेल से होने वाली आय पर कम कर रहा निर्भरता
ज्यादातर GCC देशों की वित्तीय स्थिति मजबूत है। सिर्फ सऊदी अरब और बहरीन में इस साल घाटा होने की उम्मीद है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि इन देशों को भी आखिरकार इनकम टैक्स की जरूरत पड़ सकती है। कारण है कि जीवाश्म ईंधन की ग्लोबल मांग कम हो रही है। ओमान तेल से होने वाली आय पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए सुधार कर रहा है। यह दूसरे खाड़ी देशों की तरह ही है। ओमान ने निजीकरण के जरिए भी पैसा जुटाया है। इसमें उसकी सरकारी ऊर्जा कंपनी की खोज और उत्पादन इकाई का पिछले साल का 2 अरब डॉलर का IPO (इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग) भी शामिल है। यह एक रिकॉर्ड है।मोनिका मलिक ने कहा कि ओमान का इनकम टैक्स लगाना दूसरे जीसी
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