भारत सरकार ने ईरान की कोई मदद नहीं की... पाकिस्‍तान में ईरानी राजदूत के विवादित बोल, दिल्‍ली में दूतावास ने कहा था शुक्रिया

 

Iran Israel War India: इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई अब थम गई है लेकिन आरोप प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। पाकिस्‍तान में ईरान के राजदूत रजा अमीरी मोघद्दम ने कहा कि भारत सरकार ने इजरायल के साथ लड़ाई के दौरान कोई मदद नहीं की

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ईरान के राजदूत ने भारत पर लगाया बड़ा आरोप (फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान में ईरान के राजदूत रजा अमीरी मोघद्दम ने सोमवार को एक विवाद‍ित बयान दिया है। इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्‍तान के भूमिका की जहां उन्‍होंने जमकर तारीफ की, वहीं भारत को लेकर विवादित टिप्‍पणी की है। पाकिस्‍तानी मीडिया के साथ बातचीत में रजा अमीरी ने कहा कि इस लड़ाई के दौरान भारत सरकार ने ईरान की कोई मदद नहीं की। उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार और इजरायल के बीच करीबी दोस्‍ती है और नई दिल्‍ली अमेरिका के प्रभाव में रहता है। हालांकि भारत की जनता खासकर मुस्लिमों और राजनीतिक दलों की ओर से इजरायल के हमले की निंदा की गई। भारत ने ईरान के पक्ष में वोट भी नहीं दिया। इससे पहले ईरान के नई दिल्‍ली स्थित दूतावास ने भी बकायदा एक ट्वीट करके भारतीय जनता, राजनीतिक दलों और संस्‍थानों को धन्‍यवाद दिया जो इजरायली हमले के दौरान तेहरान के साथ खुलकर खड़े थे।

ईरानी राजदूत रजा अमीरी ने पाकिस्‍तानी टीवी चैनल जिओ न्‍यूज के उकसाने वाले सवाल के जवाब में कहा कि इजरायल के साथ लड़ाई के दौरान भारत सरकार ने कोई मदद नहीं की। भारत सरकार ने खुद को तटस्‍थ दिखाने की कोशिश की। भारत ने हमारे पक्ष में वोट भी नहीं दिया। उन्‍होंने कहा कि भारत का इजरायल के साथ मजबूत संबंध है। इस इलाके में भारत अमेरिका के गठबंधन में शामिल है। ईरानी राजदूत ने कहा कि पाकिस्‍तान और इस्‍लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने इजरायली हमले की कड़ी निंदा की।


ईरान के दूतावास ने भारत के बारे में क्‍या कहा?


इससे पहले ईरान के भारत में दूतावास ने भी एक बयान जारी करके भारत की आजादी पसंद जनता, राजनीतिक दलों, संस्‍थानों और अन्‍य लोगों को धन्‍यवाद दिया था। ईरानी दूतावास ने कहा कि ये सभी इजरायली हमले के खिलाफ ईरान के साथ खड़े रहे। इस बयान में भारत सरकार का जिक्र नहीं था। उसने कहा कि ईरान तेहरान का 'वास्‍तविक' समर्थन करने वालों को धन्‍यवाद देता है। बता दें कि भारत सरकार ने युद्ध के दौरान दोनों देशों से शांति की अपील की थी। हालांकि भारत ने एससीओ के अंदर इजरायल की आलोचना करने वाले बयान से खुद को अलग कर लिया था। माना जा रहा है कि ईरान के पाकिस्‍तान में राजदूत का इशारा इसी ओर था।

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